मैं पारुल आज आप के लिए एक मस्त कहानी ले के आई हूँ. मेरी उम्र 25 बरस की हे और मैं मेरिड हाउसवाइफ हूँ. वैसे मेरी लाइफ में सब कुछ हे, पैसा, बगंला गाडी, नोकर चाकर. लेकिन एक औरत के नजरिये से देखूं तो लाइफ में कामरस नहीं हे बीएस! पति का अच्छा बिजनेश हे जो मेरी सब से बड़ी सौतन हे! बिजनेश की वजह से वो घर से

Spread the love

रात को मैं इतना रोई की मेरा तकिया तक गिला हो गया था. शराब की पूरी बोतल पी गई. पति रातभर कमरे में आये ही नहीं. उन्के लंड को देखे ज़माना हो गया था मुझे. शराब और दिल के दर्द ने तबियत ख़राब कर दी मेरी! हॉस्पिटल में भी मुझे घर का नोकर शंकर ले के गया. डॉक्टर ने कुछ घंटे एडमिट किया. शंकर वही पर रहा जब तक मैं एडमिट थी. मैंने उसे बुलाया और उसको कहा, शंकर थेंक यु तुमने मेरे लिए ये सब किया उसके लिए.शंकर ने कहा, भाभी हम तो आप के नोकर ही हे. और आप की सेवा करना ही हमारा कर्तव्य हे. गरीब हे और मजबूर इसलिए बीवी बच्चे सब छोड़ के यहाँ शहर में आये हे. और आप के पास पैसे हे लेकिन आप की मज़बूरी कैसी हे की आप का पति आप के पास नहीं हे. ऐसे में अकेलान अंदर से मार देता हे तो मुझे पता हे. आप भी अकेली हे और हम भी!
loading…
मेरी आँख में पानी आ गया उसकी बात सुन के.
loading…
मैं अपने पर्स में से 2000 के दो नोट निकाले और उसे देते हुए कहा, जाओ मैं छुट्टी देती हूँ तुम घर हो आओ.
वो बोला: नहीं मेडम अभी साहब महिना बहर बहार रहेंगे फिर आप खूब ड्रिंक करेंगी जैसा की आप करती हे. फिर आप का ध्यान भी तो रखना हे. पैसे के लिए शुक्रिया, वो हम अपनी बेटी के लिए घर भेज देंगे.उसकी बाते मेरे दिल के आरपार सी हो गई. मैंने सोचा की ये गरीब हे और मज़बूरी में अपने पपार्टनर से दूर हे. और मेरा पति पैसे के लिए मुझे छोड़ रहा हे. मुझे लगा की शंकर भी ऐसे ही तडप रहा था जैसे मैं. मुझे एक पल के लिए लगा की हम दोनों एक ही कश्ती के सवार थे!
और उस वक्त मुझे एक नंगा विचार आया की क्यूँ न हम दोनों मिल के एक दुसरे की इस तडप को दूर कर ले! और उस दिन मेरी निगाहें अपने इस नोकर के लिए बदल सी गई.एक दिन शंकर घर में सफाई के काम में लगा हुआ था. उस समय उसका बदन आधा नंगा सा था. उसने एक हाल्फ-पेंट पहनी हुई थी. उसके मांसल हाथ और गदराये से बदन को देख के मेरे मन में गुदगुदी सी होने लगी थी. मैंने सोच लिया की आज तो कुछ भी कर के शंकर के साथ मिल के अपनी प्यास को दूर करवा लुंगी!
रात में वो कमरे में आया और बोला, मेडम खाना रेडी हे आप के लिए टेबल पर निकालूं?
मैंने कहा, एक काम करते हे न.
वो बोला, क्या भाभी?
मैंने कहा, मेरे पैरो में बहुत ही दर्द सा हो रहा हे इसलिए खाने के मूड नहीं हे. तुम गरम तेल की मसाज कर सकते हो मेरे लिए?
वो बोला: मैं अभी सरसों का तेल गरम कर के लाता हूँ.
मैं उस वकत गाउन पहन के बैठी हुई थी. उसके आने से पहेल मैं बिस्तर में लम्बी हो गई. शंकर 2-3 मिनिट में ही एक कटोरी के अन्दर तेल ले के आ भी गया. मैंने अपने गाउन को ऊपर कर के अपनी चिकनी जांघे उसके सामने खोल दी और कहा, आ जाओ मुझे मालिश कर के मेरे दर्द को दूर कर दो. शंकर ने मुझे देखा और बोला, जी भाभी जी और वो मेरे पास बैठ के सरसों का तेल मेरे पैरो के ऊपर लगाने लगा.
मैं उसे देख के अन्दर से कराह रही थी. और अपने गाउन को और भी ऊपर कर दिया ताकि वो देख सके मेरी जवानी को.शंकर की निगाहें बार बार मेरी जांघो के ऊपर जा रही थी. मेरी पेंटी भी बहार से दिख रही थी. मैं खुद ही दिखा जो रही थी. शंकर की ग्रिप मेरी जांघो के ऊपर तेज होने लगी थी. फिर मैंने अपनी पेट के बल लेट के अपनी कमर उसकी तरफ की और कहा, शंकर पीठ के ऊपर भी तेल और अपने हाथ का जादू दिखा दो. वहां पर भी दर्द हो रहा हे.
शंकर ने गाउन को थोडा और ऊपर कर दिया और वो पीठ के ऊपर उँगलियों से दबा के मसाज करने लगा. मैं आईने में देख रही की वो बार बार मेरे उठे हुए चूतड़ को देख रहा था और मेरी ब्रा की पट्टी भी उसकी निगाहों की रडार में थी. मैं उसके अंदर के मर्द को जगाने में धीरे धीरे सफल हो रही थी. मैंने कहा, शंकर रुको मैं ब्रा को खोल दूँ ताकि वहां निचे मसाज दे सको तुम.शंकर के लिए मैंने अपनी ब्रा के हुक को खोला और वो अब कंधो तक हाथ घुमा के मसाज देने लगा था. उसके हाथ अब कांपने लगे थे. फिर मैं सीधी हो गई. मेरे बूब्स शंकर के सामने थे. उसने मुझे देखा और मैंने कहा, उन्के ऊपर भी तेल लगा ही दो अब तुम!
शंकर बोला: भाभी ये क्या हो रहा हे!
मैंने कहा, कुछ नहीं अपने शंकर से मसाज करवा रही हूँ!
वो चुचियों को हाथ लगाने से जैसे घबरा रहा था. मैंने उसके हाथ अपने हाथ में लिए और खुद उन्हें अपने बूब्स के ऊपर रख दिया. और मैंने उसे कहा, घबराओ नहीं, इनकी भी मालिश कर दो, तुम्हे अच्छा लगेगा!शंकर ने मेरे बूब्स को हलके से दबाया. मेरे अंदर की औरत को जो सुकून मिला वो मर्दानगी से बहरे हुए टच से वो मैं आप को लिख नहीं सकती हूँ! मेरे अंदर सेक्स की इच्छा एकदम से जाग्रत हो गई थी.
मैंने दबे हुए आवाज में कहा, तुम्हे जो नहीं मिला हे इतने दिनों से वो मुझे भी नहीं मिला हे!
वो हिचकिचाते हुए सिर्फ एक ही शब्द बोल सका, क्या?
मैंने कहा, प्यार!
वो कुछ कहे उसके पहले ही मैंने उसके लंड को पकड़ लिया और बोली, आज मना मत करना, अगर तुम मेरी सेवा को अपना कर्तव्य समझते हो तो मुझे अपनी बीवी की जगह दे दो आज के लिए. मैं तुम्हारा अहसान नहीं भूलूंगी कभी भी.और मैंने उसके लोडे को खोल के बहार निकाला. वो हां कहता हे या ना उसकी वराह देखें बिना ही मैंने उस कडक लंड को अपने मुहं में भर लिया. और वो लंड मेरे मुहं में जाते ही और भी तेवर में आ गया. वो फूलने लगा था. और शंकर के मुहं से सिसकियाँ निकल पड़ी! मैंने लंड को चूसते हुए उसकी पेंट को उतार के फेंक दिया. और उसके पुरे लोडे को मैंने मुहं में भर के चुस्से लगाए. बहुत दिनों के बाद मेरे हाथ में किसी का लंड था! उसका लंड भी काफी बड़ा था और मैं आधे से लंड को ही अपने मुहं के अन्दर भर पा रही थी. मैंने उसके अंड्डे भी पकड़ के दबाये और वो कराह उठा. उसके अंडे चुसे तो उसके मुहं से सिस्कारियां छुट गई. उसने मेरे मुहं को पकड लिया और मेरे मुहं के अंदर अपने लंड को झटके देने लगा.
मुझे उलटी जैसा हो गया उसका 80% लोडा मेरे मुह में घुसते ही. मैंने लंड को बहार निकाल के उसे कहा, धीरे से करो ना शंकर वरना मैं उलटी कर दूंगी. शंकर ने कहा ठीक हे भाभी. और फिर वो स्लोली स्लोली माउथ को चोदने लगा मेरे. लेकिन एक मिनिट में वो फिर से एक्टिव हो गया और कस कस के मेरे मुहं को चोदने लगा. उसका लंड मेरे गले तक घुस गया था. मुझे मजा भी आ रहा था लंड को ऐसे चूस के इसलिए मैंने अब उसे कुछ भी नहीं कहा.
फिर शंकर ने कहा, भाभी अब अपनी योनी दिखा ही दो मुझे.
मैंने अपनी पेंटी को खिंच लिया टांगो को ऊपर कर के. और उसे कहा, ये लो देख लो इसे.
शंकर की निगाहें मेरी योनी के उपर गड गई थी जैसे. वो बोला, आप की तो बहुत ही गोरी हे!
मैंने कहा, क्यूँ अच्छी नहीं लगी तुम को?
वो बोला, नहीं मेडम हमने इतनी गोरी चूत को कभी नहीं देखा हे. आप की योनी बड़ी ही खुबसुरत हे.
मैंने उसके लोडे को पकड़ के हिलाया और कहा, सुंदर लगी तो ले लो तुम इसे!
मैं उसे ये कह के अपनी टाँगे खोल के बिस्तर में लेट गई. शंकर मेरे ऊपर आ गया और उसने अपने लंड को इतनी फ़ोर्स से मेरी चूत में घुसाया की मैं आह कर गई. मुझे बहुत सारा पेन हुआ और मेरे मुहं से आह निकल पड़ी. और शंकर मेरी चूत के ऊपर भूखे शेर के जैसे टूट पड़ा. मैंने अपनी चूत को कस लिया था ताकि उसके झटके कम लगे. लेकिन उसका फ़ोर्स ऐसा था की मेरी मसल टिक नहीं सकी. उसका पूरा लंड जोर से मेरी चूत को खोल के अंदर घुस आया. और वो मुझे होंठो के निचे और कान के ऊपर चुमते हुए चोदने लगा. उसका बड़ा लंड मेरी बच्चेदानी में जा के लग रहा था और मुझे एक अलग ही सेंसेशन आ रही थी. ऐसी फिलिंग मुझे कभी अपने पति के साथ सेक्स करने से नहीं मिली!
मैंने उसे कहा, धीरे से चोदो ना शंकर बहुत बड़ा हे तुम्हारा तो.
वो बोला, हां भाभी धीरे से करता हूँ.
वो अब अपने लंड को धीरे धीरे से चूत में अंदर बहार कर रहा था. मेरे अंदर भी नयी ऊर्जा आ रही थी जैसे. और फिर मेरी चूत ने उसके लंड के ऊपर ही अपना रस छोड़ दिया. और उसकी वजह से चूत में लुब्रिकेशन हो गया और उसका लंड आराम से मेरी चूत में अंदर बहार होने लगा था. वो अपने लंड को बिच बिच में पूरा बहार निकाल के वापस अंदर डालता था. और ऐसे करने से मेरी उत्तेजना एकदम से बढ़ जाती थी. उसके लंड के मेरे क्लाइटोरिस के ऊपर घिसने से जैसे एक अलग ही खुजली उमड़ पड़ती थी मेरी चूत के अंदर.मैंने उसके माथे को अपनी तरफ खिंच के उसके होंठो को किस कर लिया. और वो भी अपनी जबान को मेरे मुहं में डाल के चाटने लगा. फिर वो पागलों के जैसे मेरे कंधे को, गर्दन को और होंठो को किस करने लगा. मेरे तो तन बदन में जैसे आग सी लगी हुई थी. शंकर ने अब मेरे बूब्स को मुहं में लिए और उन्हें एक एक कर के चूसने लगा. वो निपल्स को उँगलियों से भी हिला के दबाता था. और उसके लंड का मेरी चूत में रगड़ लगाना तो चालु ही था इस सब के बिच में भी.
कुछ ही देर में उसके झटके एकदम तेज हो गए और साँसे भी. मेरी हालत भी कुछ ऐसी ही थी. मेरी चूत इतनी भीग गई थी और उत्तेजित हो गई थी की उसका पूरा लोडा अंदर जाता था तो मुझे मस्त लगता था. मैंने चूत के होंठो को उसके लंड के ऊपर जकड़ के लंड को गिरफ्तार कर लिया और वो मुझे पकड़ के जोर जोर से चोदने लगा. मेरी चूत के अन्दर का पानी छुट के शंकर के लंड पर आ गया. मुझे एक अजीब सा मीठा मीठा दर्द होने लगा था. मैं उसके कंधो के ऊपर आ गिरी और वो भी मुझे चुमते हुए आखरी झटको के मजे देने लगा. और ये आखरी झटके ही सब से सेक्सी होते हे वैसे. शंकर पुरे जोश में चोद रहा था. और उसके माथे के ऊपर का पसीना मेरे ऊपर टपक गया. उसके लंड से पिगला हुआ धातु निकल गया जैसे मेरी चूत के अन्दर. उसने इतना ढेर सारा माल निकाला की मेरी चूत से ओवरफ्लो होने लगा था. मैंने उसके बालों में अपनी फिंगर्स घुमाई और वो आखरी रगड़ देने लगा मुझे. मैंने चूत को एकदम कस लिया था ताकि वीर्य बहार ना निकले! फिर उसने धीरे से अपने लंड को बहार निकाला और अपनी हाफ पेंट पहन ली उसने. उसने मुझे मस्तक के ऊपर चूम लिया और बोला, बीबी जी बहुत बहुत धन्यवाद आप का जो आप ने मुझे इस लायक समझा.
मैंने उसे गर्दन से पकड के उसके होंठो को चूम लिया और उस से कहा, तुम्हे कैसा लगा शंकर?
वो बोला, बहुत मजा आया भाभी जी.
फीर वो मुझे अपनी बाहों में उठा के बाथटब में ले गया. वहां उसने मेरे बदन को घिस घिस के साफ़ किया. मैंने मौका देख के उसके लंड को फिर से खड़ा कर दिया. पुरे दो घंटे तक फिर हम दोनों बाथटब में एक दुसरे से चिपके रहे.शंकर अब मेरे कमरे में ही रहता हे दिन भर. उसका सेलरी अब पहले से चार गुना हो गया. एक सेलरी उसे पति की बेंक अकाउंट से मिलती हे हो पहले जितनी हे. और बाकि की सेलरी मैं अपनी खर्ची से उसे देती हूँ जो उसकी तिन महीने की सेलरी जितनी हे. अक्सर मैं उसे 2-3 दिन की छुट्टी दे के उसके घर भी भेजती हूँ. मैं नहीं चाहती की उसकी बीवी की चूत उसके गम में श्राप दे उसे!

Leave a Reply

Your email address will not be published.

hiindi sex storyhindi sex story behanaunty tho kathalutamil masala kathaigalमराठी चावट कथाsex stories indiatelugu kathalu sextelugu brother sister sex storieshindi antervasanafamily telugu sexmarathi zavazavi katha 2014 marathi fontindian sex story.comantarvasna sex story hindihindi sex stelugu aunty buthu kadalustorie sexnew kambikathamalayalam kambi stories photosanjali sex storynew telugu boothukathalu comsex stories pdf malayalamfirst night sex kathalumalayalam kampiindian incest sex stories nettelugu sex stroystelugu sexy sex storiestelugusex stories netsensuous sex storiestamilsex stories newwww tamil ool kathaikal comtelugu atha puku kathalusex stories in tamil fontmarathi sambhog katha in marathi fontsex storyi in hindisex kadhai tamilజయమ్మకథmalayalam thundu storieswww kambikuttankambi kathakal to readithatha kambi kathakalamma sex stories in tamilwww marathi chavat zavazavi katha comsex storry in hindiसंभोग की कहानीtamil mobile sex storiesanatarvasnatelugu mother and son sex storieshot mallu kambi storymalayalam sex story bookkamuk kahaniya hindi metelugu sex books pdfread kannada sex storiesअन्तर्वासना हिंदीbhai behan sex storymalayalan sex storiesadult stories indiakathaikal kamam tamilantrvasna com hindihindi sex upanyasindian teacher sex storiestelugu sex latest storieskannada sex novelssexy story with teachermarathi pranay katha in marathi fonttelugudengudukathalu in telugutamil kamakathaikal sex storyincest stories in hindibengali sexy story comsex tamil new storykannada kama kategalutamil sex storybest indian sex storysex story book tamilbengoli choti golpokathalu sex telugutelugu sex kathaluantervashnaindia telugu sex storiestamil mom and son sex storiesmalayalam kuth kadhapeperonity sex storiesantarvansnahot sex stories incestbanglachoti golpoantervasna sexmalayalm sexy storiestelugu sex story bookssex thamil storyaunty telugu sex kathalu