Antarvasna – Hindi Stories – मैंने इसे पहले एक ही स्टोरी आप तक पहुँचाया है. यह मेरी फ़्रेंड नीना की स्टोरी है. उसी की ज़बानी सुने. ई आम मनीष 23,में बठिंडा, हमारे मकान में कोई ना कोई किरायेदार रहा करता था. इस बार मकान के ऊपरी पार्ट को अंकल ने एक साउथ इंडियन को दिया था. वो रेलवे मैं गार्ड था. आंटी और अंकल को उससे बहुत सहानुभूति थी क्योंकि उसकी बीवी की डेत हो चुकी और उसने बच्चों की वजह से दूसरी शादी नहीं की थी. उसकी केवल दो लड़कियाँ थी. बड़ी लड़की 19 एअर की सरिता थी और छोटी लड़की 18 एअर की नीना थी. नीना मेरी उमर की इसलिए मेरी उससे फ्रेंडशिप हो गयी थी और नीना की तरह सरिता को में भी दीदी कहती थी. दोनों बहाने खूबसूरत थी पर रंग काला था. जब उनके अंकल बाहर ड्यूटी पर होते तू दोनों नीचे ही रहती पर जब अंकल आ जाते तू दोनों नीचे झाँक थी भी ना थी. 3 मंत्स हो चुके थे, मैं और नीना एक ही क्लास मैं थी. हम दोनों साथ ही कॉलेज आते जाते थे. नीना मुझसे ज्यादा जवान लगती थी. उसकी चूचियाँ भी मुझसे बड़ी थी. कॉलेज में जब लड़के हमें चोदते थे तू मैं शर्मा जाती थी वही नीना चंचल हो जाती थी और इठलाने लगती थी. नीना मुझे चालक नज़र आती थी, वो बनती संवरती भी खूब थी. इस बेच उसके अंकल आए तू दोनों का दिखना मुहाल हो गया. नीना मुझसे इंग्लिश की बुक ले गयी थी, मैं उसे लेने के लिए ऊपर गयी. उनके कमरे की एक खिड़की खुली थी जो रास्ते मैं थी. मेरी नज़र उससे अंदर चली गयी तू अंदर का नज़ारा देखकर दंग रही गयी, कलेजा ढक-ढक करने लगा. पूरी बॉडी मैं करेंट बहने लगा. ऐसा सीन देखकर मुझे वापस हो जाना चाहिए था पर मेरे पैर वही जम गये. दोबारा अंदर देखा तू तीनों को बिना कपड़े के देखकर सनसना गयी. बाप भी नंगा था और दोनों बेतिया भी नंगी थी. दोनों नंगी होकर बाप के अगल-बगल बैठकर अपनी एक एक चुचियों को दबवा रही थी. दोनों को सगे बाप से चुचियों को दबवाते देखकर मुझे अजीब तू लगा पर मजा भी आया.
फिलहाल किसी को भी मेरे आने का पता नहीं चला था. सगे बाप के साथ दोनों बहनों को गंदी हरकतें करते देखकर मुझे अजीब सा मजा आया और मेरी चुत मैं सनसनाहट होने लगी. मैं वापस आई पर दोनों को नंगी चुचियों को दबवाते देखने मैं मजा आया था इसलिए फिर विंडो पर जा अंदर देखा तू और मजा आया. रूम मैं छोटी वाली नीना बैठकर अपनी बड़ी बहन की जवान काली चुत पर अपनी जीभ चला रही थी और बड़ी वाली सरिता अपनी बड़ी बड़ी चुचियों को हाथ से उचकाय थी जिसे उसका बाप अपने मुँह से चूस रहा था. नीना बारे प्यार से अपनी दीदी की चुत को ऐसे चाट रही थी जैसे कुत्ता कुतिया की चाटता है. सरिता और नीना की मस्ती देखकर मेरा मन भी बेकरार हो गया. मेरी चुत मैं चींटियां रेंगने लगी. 15 साल की हो चुकी थी, भले कभी चुदवाया नहीं था पर चुदाई के बारे मैं जानती थी. जब वो चूची चूसता तू सरिता तड़प कर कहती, “हें अंकल ! अब मेरी शादी कर दीजिए. हें अंकल आप चोद नहीं पाते तू किसी जवान लड़के से हमको चुदाया दीजिए. अब उंगली से मजा नहीं आता.” “क्या बताए बेटी मेरा लंड अब खड़ा नहीं होता वरना हम तुमको खूब चोदते” और एक निप्पल को अपने लिप्स मैं ले चुभलने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चुत फैलाकर नीना को चटवाने लगा. इस मजे को पा वो और भी बेचैन होकर बोली, “हें अंकल मर जाऊंगी. आप आग लगा देते हैं.” “घबरा नहीं बेटी! आज रात किसी ना किसी को जरूर लाएँगे, आज रात किसी से तुम दोनों को चुडवाएँगे.” और उसके बाद उसने अपनी जवान लड़की की चुत मैं अपना अंगूठा कचक से घुसेड़ दिया.
20-25 बार बड़ी लड़की की चुत को उसने फिंगर फक किया तू वो एकदम से मस्त होकर बोली, “हें पापा!” उसने अपने अंगूठे (थंब) को सक्क से बाहर किया तू सरिता झुक कर अपनी चुत देखती बोली, “निकाला पापा.” छोटी वाली नीना जु मेरी सहेली थी, जल्दी से खड़ी हुई और अपनी काली राणो के बीच की काली चुत पर हाथ रखकर बोली, “अब हमको मजा दीजिए पापा.”
सरिता वहां से हथकार नंगी ही बेड पर लाइट गयी. अब बाप के सामने मस्त होकर नंगी खड़ी छोटी वाली नीना की चुत और चूचियाँ हमको साफ दिख रही थी. अंगूठे से जवान चुत को कच कच चुदवाने के बाद सरिता तू झड़कर बेड पर लाइट गयी थी पर छोटी वाली मैं अभी भरपूर मस्ती थी. यह सब देखने और सुनाने से मेरे बदन मैं भी हलचल मच गयी थी. मेरी चुत के होंठ भी फरफारने लगे थे. तभी नीना की हरकत ने और तड़पा दिया. वो अपनी चुत को अपने हाथ से फैलाकर बोली, “चाटो पापा! बड़ा मजा आता है. हमको भी दीदी की तरह चुड़वकर मजा दो पापा.” अपनी छोटी लड़की की बात पर वो अपने मुँह को उसकी राणो के बीच ले गया और उसकी चुत को चाट चाट कर उसको मजा देने लगा. नीना अपने होठों को भेचकर चुत की फाँक को ठीक से फैलाकर चुत को बाप की जीभ पर रगड़कर कह रही थी, “हें अंकल बहुत मजा आ रहा है. और च्चतो पापा. दीदी से चटवाने मैं इतना मजा नहीं आता जितना आप से. ओह अंकल मैं भी दीदी के साथ रात मैं लड़के से चुदवाएगी.” इस पर वो नीना की 15 साल की गद्राई काली चुत को तेजी से चाटने लगा. वो जिस मस्ती से चटवा रही थी उससे मेरे पूरे बदन मैं आग लग गयी. मुझे यकीन हो गया था की नीना को अपने बाप के साथ बहुत मजा आ रहा है.
पहले जहां उनको नंगा देखकर आश्चर्य हुआ था वही अब मेरा मन भी इस मजे के लिए बेहाल हो गया था. मेरी सांसें भारी हो गयी थी और चूचियाँ हार्ड हो गयी थी. उसके बाप का झाँटो से भरा लंड हमें साफ दिख रहा था. वो अभी लूस था. समझ गयी की वो चोदने लायक नहीं है इसीलिए रात मैं किसी को लाकर अपनी लड़कियों को चुदवाने को कह रहा है. अब तू मेरा मन भी उनके साथ शामिल होने को कर रहा था. तभी नीना अपनी चुत से बाप का मुँह अलगकर बोली, “ अंकल मेरी भी दीदी की तरह उंगली से चोदते हुए थोड़ी चूचियाँ पीजिए.” “हाँ बेटी उंगली से चुड़वकर अपना छेद फैलवालो जिससे जो लड़का तुम्हारी दीदी को चोदे वो तुमको भी तेल लगाकर चोद ले. अपनी चुत देखो कैसे मस्त है.” “हाँ पापा.” वो छाती गयी चुत देखते बोली. एक अजीब सा नशा हमको बेहोश किए जा रहा था. तभी वो बेड पर नंगी लेती अपनी बड़ी लड़की की चुचियों को पकड़कर बोला, “उठो बेटी तुम ज़रा नीना की चूचियाँ चूसो तू मैं इसकी उंगली से चोद दम.” वो मुस्कान के साथ बेड से उठी और एक अंगड़ाई लेकर बोली,” अंकल आज किसी को बुलाकर हमलोगो को मजा दिलवाएं. आप तू रोज़ ही कहते हैं.” “जरूर लाएँगे बेटी.”
फिर बड़ी वाली छोटी बहन की कमर मैं हाथ डालकर झुकी और जीभ से उसकी चूचियाँ चाटती हुई बोली, “छोड़िए इसकी पापा.” इसपर उसने अपनी मिड्ल फिंगर को कच से नीना की चुत मैं घुसेड़ा तू मैं मस्त हो अपना हाथ पैंटी के अंदर ले जाकर अपनी कुँवारी चुत मैं अपनी उंगली डाल अंदर बाहर करने लगी. वो पूरी फिंगर को उसकी चुत मैं डालकर बोला, “देखा सरिता इसकी चुत मैं आराम से पूरी उंगली चली गयी.” “हाँ अंकल यह भी चुदवाने लायक हो गयी है.” “हाँ तुम्हारी तू बिना तेल के चुद जाएगी पर इसकी तेल लगाकर चुदवाना होगा.” और नीना की चुत मैं जु सकसक उंगली डालने निकालने लगा तू नीना आँख बंदकर बड़ी बहन की तरह सिसकने लगी. अब तू मैं एकदम गेली गो गयी थी. कुच्छ डर बाद दोनों बहने अगल बैठकर अपने बाप के लंड को चाटने लगी. उसने मस्ती के साथ करीब 10 मिनट तक दोनों को चटाया और फिर अभी कपड़े पहनने लगे तू मैं चुपके से नीचे खिसक आई. किरायेदार की इस हरकत को देखकर मेरे मन मैं वासना की भूख पूरी तरह जगह गयी. मैं बार दोनों बहनों को मजा लेने को सोचती और बाप को यह कहते सुनती की घबरा नहीं आज रात किसी को बुलवाकर चुदाया दूँगा. अब हमको भी चुदवाने के शब्द से प्यार होता जा रहा था. अपनी पैंटी हटाकर चुत देखा तू लगा की सारा मजा इसी खरबूजे की फाँक मैं है.
कहावत सच्च है की जहाँ चाह वहाँ राह. मैंने सोचा की जब वो अपनी दोनों सगी लड़कियों को मजा दे सकता है तू मौका मिलने पर मुझे क्यों नहीं. मैं तू उन दोनों से ज्यादा सुंदर हूँ. जब मैं भी सरिता और नीना की तरह उनसे मजा लेने लागूंगी तू वो मेरी भी किसी से चुदाया डैन्गे. मैं यह सब सोचते अंकल के साथ मजा लेने का प्लान बनाने लगी. इस समय 2 पीयेम हुआ था. मुझे एक रास्ता सूझा. मैं आंटी के पास गयी और बोली, “मम्मी अंकल आए हैं. नीना को इंग्लिश समझा रहे हैं मैं भी जाऊं?” भला इस काम के आंटी क्यों इनकार करतीं. हाँ कहने पर मैं इंग्लिश की नोट-बुक लेकर ऊपर गयी.
“सरिता दीदी !” “आओ.” बड़ी बहन ने अंदर बुलाया. “दीदी नीना कहाँ है?” “ अंकल के कमरे मैं होगी.” “अंकल भी हैं?” “हाँ जाओ.”
तभी बगल के कमरे से नीना आई तू उसे देख मेरे बदन मैं बिजली दौड़ी. मैंने उससे कहा, “अंकल से इंग्लिश पढ़नी है.” यह बात कहते हुए मेरी चुत फर्क उठी थी. अंकल ने मेरी बात शायद सुन ली थी. अभी रूम से बाहर आ बोले “पढ़ना है आओ आओ.”
मैंने सर हिलाकर हाँ किया. वो लूँगी बनियान मैं था. मैं उनकी दोनों लड़कियों से कई गुना अधिक सुंदर थी. वो अपनी लड़कियों से मजा लेता था तू मेरी जैसी लड़की से लिफ्ट पकड़ फौरन तैयार हो जाता. वो खिलाड़ी था और मैं उसे लिफ्ट देने जा रही थी. “अंकल मेरी इंग्लिश वीक है. आप पड़ा दिया करे.” मैंने अपनी चुचियों को उभारकर कहा. उसकी आँखें मेरी चुचियों पर ही जमी थी. मेरी हरकत पर उसके मुँह मैं पानी आ गया, वो बोला, ” ठीक है, हम रहे तू आ जा करो इंग्लिश स्ट्रॉंग कर देंगे. आओ अंदर.”
मैं रूम मैं गयी. मेरे साथ नीना भी थी. मैं सोच रही थी की नीना के रहते वो पहली बार कैसे हाथ लगाएगा. वैसे मैं तू दोनों बहनों की तरह दिल खोलकर नीचे ऊपर दोनों का मजा लेने को बेकरार थी. अंकल के साथ दोनों को जो मजा आया था वो मैं देख चुकी थी. मुझे तू बस केवल मजा चाहिए था जवान या बूढ़ा कोई भी हो. वो मुझे सोफा पर बिठाकर नीना से बोला, “बेटी तुम्हारी सहेली को पड़ा दे तुम अंदर जाओ.” यह तू उसने मेरे मन की बात कही थी. नीना चली गयी तू उसकी आँखें मेरी चुचियों पर टिक गयी जिससे मुझे उम्मीद हो गयी. नीना के जाने के बाद वो मेरे सामने बैठकर मेरी चुचियों को घूरते हुए बोला, “निकालो क्या पढ़ोगी?”
उसकी बात पर मैंने बुक उसके सेम कर राअनो को फैलाकर कहा,” अंकल इसका ट्रॅन्स्लेशन करवा दीजिए.” “हाँ लिखो” और वो फौरन शुरू हो गया. उसने पास आ धीरे से मेरे बदन को छुआ तू बिजली दौड़ी. मेरी फ्रॉक मैं चूचियाँ तेजी से उठने बैठने लगी. तभी लेफ्ट हेंड बुक देखने के बहाने मेरी रान पर रख मुझे पागल कर दिया. वो मुझे पढ़ाते हुए मेरी रान सहलाने लगा. हमको मजा आया तू मैं उसे लिफ्ट देने के लिए अपनी चुचियों को उभार ललचाई मदभरी आँखों से उसकी और देख बोली, “श अंकल थकान महसूस हो रही है.” मेरी बात सुन वो चालक समझ गया और मेरे गाल पर हाथ फेयर बोला, “थोड़ा आराम कर लो.” “पता नहीं क्यों अंकल बदत टूट रहा है.” “कोई बात नहीं बेटी सयानी हो गयी हो, ऐसा होता. लाइट जाओ तू बदन दबा दम.”
मैं तू मजा लेने के लिए ही आई थी. अपनी और से ग्रेन सिग्नल दिखती फौरन अपना हाथ चुत पर ले जा चड्डी (पैंटी) खुजलाते हुए उसको देखते हुए कहा, “अंकल दरवाजा बंद करके दबाईयेगा.” वो मेरे अंदर की बेचैनी को समझ गया. उसने एक थपकी मेरी चुचियों पर दे मुझे मजे से भरकर कहा, “अंकल से क्यों शरमाती हो. बड़ी हो गयी हो, दबाकर मजा लिया करो.”
चूचियाँ दबाने का इशारा कर तू एकदम बौखला दिया था. उसको फंसाने के लिए ज्यादा कोशिश न्मही करनी पड़ी. चुचियों पर हाथ लगाया तू तड़प गयी. उसने उठकर दरवाजा बंद किया और वापस आया तू मैं शर्म भूलकर दोनों चुचियों पर हाथ रखकर बोली, “अंकल धीरे से दबाईयेगा, दर्द होगा.” यह तू उस लौंडियबाज़ के लिए मेरी और से खुला इशारा था. वो मजे से भर मेरे गालों को अपने हाथ मैं ले बोला, “हे कितनी खूबसूरत हो. मजा आएगा दबवाने मैं.” इस पर मैं उसके साथ मजा लेने को बेकरार हो गयी और बोली, “किसी को पता लग गया तू?” “कैसे पता लगेगा.हाथ हटाओ देखो मसलवाने मैं कितना मजा आता है. अभी तू ठीक से खिली भी नहीं हो.” और गाल के हाथ को सरककर फ्रॉक के दोनों उभारों पर लाकर जो दबाया तू मैं अपना सब कुच्छ भूलकर पेट को सोफा से टेककर चुपचाप दबवाने लगी. ऐसा लगा जैसे उसकी नीना की चुचियों से ज्यादा मजा आ रहा हो. दबवाते ही मुझे नशा सा हो गया. उसने दोनों को 10-15 बार मसला फिर मेरे गाल पर हाथ फ़ायर मेरे लिप्स को अपने लिप्स के बीच ले दबा-दबाकर चूसने लगा. मैं मस्त हो कुँवारी चुत को राणो के बीच दबा सोफा पर से चूतड़ उछलने लगी.
होठों को चुसवाने मैं गज़ब का मजा आया. वो खिलाड़ी था. नये माल को दीवाना बनाना उसे आता था. मैं चुप थी. होंठ चुसवाने से चुत की खुजली तेज हुई. तभी उसने मेरे लिप्स अलगकर मेरी दोनों चूचियाँ पकड़ी और तनी तनी घुंडीयों को जो मसला तू मैं उसकी लड़कियों की तरह बेशरम बनने को मजबूर हो गयी. मैं आध-खुली आँखों से उसे देखते बोली, “हें अंकल मजा आ रहा है.” “तुम्हारी घुंडी छोटी है नहीं तू और मजा आता.मेरी नीना तुम्हारी उमर की है. उसके निप्पल देखा कितने बारे हैं.”
“ऊ अंकल मेरे निप्पल छोटे क्यों हैं?” “मजा जो नहीं लेती हो. किसी को पता नहीं चलेगा दिल खोलकर मजा लो.” “अंकल बहुत मजा है.” “अभी तू कुच्छ नहीं बात मानोगे तू बहुत आएगा.” और निप्पल को चुटकी से मसल मुझे पागल करने लगा.
कुच्छ देर बाद वो पीछे हुआ और मेरी दोनों गोरी गोरी राणो को हाथों मैं अलग अलग पकड़ कर झटके के चिपकी राणो को खोलकर मुझे आगे खिंचा तू मैं हांफती सी सोफा पर चित्त हो गयी. उसने अपने सीने को मेरी कमर पर रखा और आगे की और झुक लेफ्ट चूची को मुँह मैं लेकर राइट चूची को हाथ से दबा दबा जो चूसना शुरू किया तू मैं मस्त होकर उसके मुँह पर चूचियाँ दबाती बोली, “हें अंकल बहुत मजा है.” शायद मेरी ताज़ी चूचियाँ पन से उसको भी नया मजा मिल रहा था. अब मैं भी सरिता और नीना की टाराग नंगी होकर मजा लेने के लिए तड़प उठी. चुचियों को मुँह से पेकर तू उसने मुझे मस्त कर दिया था. मैं दूसरी चूची को उसके मुँह मैं थैलकर बोली, “और पेजिए अंकल.”
दूसरी को 8-10 बार ही चूसा फिर पीछे हो मेरी केले के खंबे सी चिकनी राणो को चेरकर फ्रॉक को पेंट पर रख मेरी राणो को सहलाते जन्नत का दीदार करते बोला, “हायेटुंहारी नीना से ज्यादा मजा दे रही है. पैर ऐसे ही फ़जालाए रहना.” “जाए अंकल.”
फिर तू मेरे मजे को पंख लग गये. उसने अपने मुँह को दोनों सुर-सुरती टांगों के बीच बड़ा हाथों को ऊपर कर फ्रॉक के अंदर से मस्त होकर जवानी की बाहर मैं डूबी दोनों नंगी चुचियों को पकड़कर दबाते हुए जु अपनी जीभ को मेरी पैंटी के ऊपर चला तू मैं फौरन अपने आप चड्डी को हाथों से खिसका उसको अपनी गोरी गोरी मखमल सी गुलाबी चुत चाटने लगी. उसकी जीभ मेरी चुत पर साँप सी चल रही थी. उससे नंगी चुत चटवाते हुए चूचियाँ मसलवाने मैं गज़ब का मजा आ रहा था. मेरी राणे फ्रॉग की तरह फैली थी.
अब हमको मनपसंद मजा मिल रहा था. वो चुत के टाइट होल मैं टंग फक कर रहा था और मैं ऊहह आआहह करती नीचे से चूतड़ उछल उछल हें अंकल कर रही थी. वो बेच बेच मैं रुकता, मेरी चिकनी गुलाबी चुत को प्यार से देखता और फिर जीभ से चाटते हुए मुझे मजे के सागर मैं डुबोने लगता. मेरी चुत गोरी थी इसलिए वो बारे प्यार से चाट रहा था. जो मजा देखकर आया था, उससे कई गुना ज्यादा मजा अब आ रहा था. नहीं चुत चटकार उसका चेहरा भी दमक उठा था. अब हंदोनो की शर्म और झिझक खत्म हो गयी थी. अंकल के पास सचमुच इंग्लिश की अच्छी परहाय हो रही थी. जब जीभ लाल गो गयी फाँक पर चलती तू पूरा बदन झनझणा उठता. 15 साला चुत पर हल्के से बाल थे. चुत चड्डी के बाहर थी. वो 10 मिनट तक कच्चे आम सी मेरी चुत चाटता रहा और अमरूद सी चूचियाँ दबाता रहा और मैं भी बिना लाज मजा लेती रही. मजा कम होने के बजाए बढ़ता ही जा रहा था. मैंने जु हाथ से चुत को फैलाया तू वो खुश होकर जीभ को चुत मैं घुसेड़ने लगा तू मैं कसमसकर बोली, “हें अंकल खूब मजा आ रहा है.” “खूब मजा लो.” और मखमल सी चुत को टंग फक करने लगा. अब तू मेरा मन सोफे से उठने को नहीं हो रहा था. बदन के कपड़े बोझ लग रहे थे. मैं बेकरारी के साथ बोली, “अंकल नंगी करके दीदी की तरह……”
यह सुन वो ज़रा चौंका पर मेरे ताज़े माल मैं इतना मग्न था की समझ नहीं पाया. मैं अपने हाथ से चुत फैलाए थी. अब तू मेरा मन भी चुदवाने को तड़प उठा. तभी उसने चुत से जीभ हटाई और मेरे होठों चूमकर बोला, “तुम्हारी चुत तू मखमल है. बड़ी टेस्टी है.”
“हें अंकल हमको भी….” “क्या? बोलो बेटी शर्माओ नहीं.” “किसी से हमको भी चुदाया दीजिए.” और मैं उठकर बैठ गयी.
वो झरने के बजाए और ललचा गया. मेरा बदन दाहक रहा था और चेहरा खिल गया था. समझ गया की मैं भी उसकी लड़कियों की तरह मजा पकड़ बहक गयी हूँ. मुस्कान के साथ मेरे फाँक को मसलते बोला, “चुदाया देंगे, पूरा मजा दिलाएंगे पर पहले चुदवाने लायक तू हो जाओ. मेरी दोनों लड़कियाँ चुदाया सकती हैं.”
“ऊ अंकल जल्दी से मुझे भी चुदवाने लायक कीजिए ना. मैं भी नीना के बराबर हूँ.”
“जल्दी ही बड़ी कर दूँगा. नंगी हो एकदम.”
यह कह वो उठा और बाहर जाने लगा तू मैं घबराकर बोली, “अंकल नंगी तू हो रही हूँ.” “कपड़े उतरो ज़रा नीना को बुला लाए.”
“नहीं अंकल हें.”
“नीना रहेगी तू तुमको ज्यादा मजा आएगा. तुम उससे आपस मैं मजा लाओगी तू जल्दी बड़ी होगी. वो तू तुम्हारी सहेली है. तुम नंगी हो मैं उसे लेकर आता हूँ.”
मैं तू पहले ही यह सब देख चुकी थी. मैं आने वाले मजे को सोच बिना झिझक पूरे कपड़े उतार नंगी हो गयी. मसली गयी चूचियाँ और छाती गयी चुत बहुत खूबसूरत लग रही थी. अब यकीन था की नीना की तरह खुलकर मुझे भी मजा देगा. तभी वो नीना के साथ वापस आया. नीना मुझे नंगी देख मुस्कराती हुई पास आई और बोली, “हें इतना शर्मा क्यों रही हो? मेरे अंकल बहुत अच्छे हैं. हमलोगो को खूब मजा देते हैं. अब हम तुम आपस मैं करेंगे तू खूब मजा आएगा.”
जब नीना ने मेरी पेट पर हाथ फेयर कर कहा तू मेरा मन उमंग से भर गया. तभी उसका बाप मेरी कमर मैं हाथ डालकर मेरी चूची को चाटते हुए बोला, “हें नीना देखो इसकी कितनी गोरी गोरी हैं.”
इसपर नीना मेरे आगे बैठकर मेरी चुत को चूमकर बोली, “हाँ अंकल चुत भी अच्छी है.” “चाटो बेटी अपनी सहेली की, अब जो आएगा उसको टुंदोनो की काली और इसकी गोरी चोदने मैं खूब मजा आएगा.”
फिर वो मेरी चूचियाँ चूसते हुए अपनी लड़की को मेरी चुत चाटने लगा. मैं मस्त थी. कुच्छ देर बाद वो मेरे पीछे आया आया और अपने मरियल लंड को मेरी गान्ड से लगा दोनों चुचियों को मसलने लगा. मैं इस मजे को पा जवान हो गयी थी. तभी नीना बोली, “श अंकल बहुत टेस्ट है इसकी चुत मैं श अंकल आप भी चाटो ना.” उसकी बात सुन अंकल भी नीचे बैठे और मेरी चुत मैं जीभ डाला तू नीना मेरे पीछे जा मेरी गान्ड का छेद चाटने लगी. मैं हवा मैं उड़ रही थी. कुच्छ देर बाद वो अपनी उंगली से मेरी चुत चोदने लगा तू मुझे नया मजा मिला. उसने 60-70 बार फिंगर फक किया था की मैं अपनी जवानी का पहला कुँवारा पानी बहाने लगी जैसी दोनों बाप-बेटी फौरन जीभ से चाटने लगे. दोनों ने एक एक बंद पे लिया. वाइ दोनों अभी मेरा रस चाट ही रहे थे की बड़ी वाली सरिता भी रूम मैं आ गयी. उसके आने से ज़रा भी शर्म नहीं आई. अब दोनों ने मुझे छोडा तू सरिता पास आ मेरी चूचियाँ पकड़ कर बोली, “मजा आया?”
“हाँ दीदी.”
“अगर रात मैं अंकल कोई लड़का लाए तू तुम भी ऊपर आ जाना तू तुम्हारी भी तेल लगवाकर चुदाया देंगे.”