हेल्लो दोस्तों मेरा नाम प्रतीक है। मै पुणे का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 33 साल है। कद काठी से मैं काफी लंबा चौड़ा हूँ। लेकिन एक पैर से मै कमजोर हूँ। बचपन में ही मेरा एक छोटा सा एक्सीडेंट हुआ था। तभी मेरा दाया पैर टूट गया था। उसे सही होने में काफी समय लग गया। मैं स्कूल कॉलेज जाने में असमर्थ हो गया था। मै पढ़ लिख नहीं पाया। घर में ही कुछ पढ़ाई लिखाई करके थोड़ा बहुत नॉलेज ले लिया था। 4 साल पहले मेरे घर के करीब में एक हॉस्पिटल बना था। उसी में नर्स की ट्रेनिंग के लिए लडकियां सीखने के लिए आती थी। मेरा घर काफी बड़ा बना हुआ था। लेकिन मैं किसी किरायेदार को नहीं रखना चाहता था। मेरी शादी नहीं हुई थी। अभी तक मैं कुवांरा ही बैठा था। पढ़ने जाने वाली लड़कियों को देखकर मेरा मौसम बन जाता था। फिर भी मै किसी तरह से खुद को संभालता था।
मन करता था कि एक एक लड़कियों को लाइन में खड़ा करके चोद कर मजे लू। लेकिन इतनी जबरदस्त किस्मत कहाँ थी!! शक्ल सूरत से मै बहुत स्मार्ट था। लेकिन मेरी फूटी किस्मत में एक भी माल की चूत का दर्शन नहीं लिखा था। मै मुठ मार मार कर काम चला रहा था। घर में मेरे अलावा मेरी माँ थी। मेरे बड़े भाई बाहर जॉब करते थे। उनकी शादी हो चुकी थी। अपनी बीबी के साथ वो बाहर ही रहते थे। दो चार महीने में कही एक बार आ जाते तो आ जाते थे। मै घर पर अकेले ही बोर जाता था। एक दिन मैं सोच रहा था किसी लड़की को कमरा दे दूं। जिससे मेरा टाइम पास उसे देखमे में बीत जाया करे। लेकिन मै किसी एक ऐसी लड़की को रूम देने वाला था। जो की गजब की माल हो। मेरा सपना एक दिन सच ही हो गया। एक खूबसूरत लड़की ने आकर मेरे घर का बेल बजाया।
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उसने घर का बेल बजाकर जैसे मेरी किस्मत का बेल बजा दिया हो। जैसा मैंने सोचा था बिल्कुल वैसी ही लड़की मेरे सामने खड़ी थी। उसनें मेरे से किराए पर रहने के लिए बात की। मैं तुरन्त ही जाकर सबसे अच्छा वाला कमरा उसको दिखा दिया। उसकी बॉडी साइज को देखकर मेरा लंड उसे चोदने को मचलने लगा। मै उसके निप्पल को काट कर खाने के लिए बेकरार होने लगा। मेरी माँ ने भी मेरा चेंज मूड देखकर बहुत खुश थी। पहले मैं हर किसी को मना कर देता था।
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लेकिन मै पहली बार किसी को अपने यहां रूम देने की बात की थी। उसकी याद में मैंने उस दिन खूब मुठ मार कर अपने को शांत किया। वो दूसरे दिन सामान लेकर आने की बात कर रही थीं। उसका चेहरा काफी गोल था। नाक थोड़ी सी चौड़ी थी। लेकिन फिर भी वो बहुत गजब की माल लगती थी। उसके होंठो पर लाल लाल लिपस्टिक लगी हुई थी। आँखों में काजल लगा कर मेरे को तो घायल ही कर दी थी। मैं उसका दीवाना सा हो गया। मन करता था कि उसके साथ शादी करके रोज उसके होंठो को चूसूं! उसकी चूत को फाडूँ! उसके निप्पल से खेलूं! दूसरे दिन वो मेरे घर आई। काफी सारा सामान लेकर आई हुई थी। वो वही पास के हॉस्पिटल में जॉब के लिए आई थी। अब मेरा इंटरटेनमेंट उसे देखकर हो जाता था। रविवार का दिन था। होस्पिटल में उस दिन उसकी छुट्टी थी। वो बाहर बरामदे में घूम रही थी। मै पास में ही बैठा था। मैंने उसे पास बुलाकर कुछ बात चीत करना चाहा। मेरी माँ भी नहीं थी। वो मेरे पास कर खड़ी हो गयी।
“बैठो पम्मी कुछ बाते वाते करते हैं” मैंने कहा
वो पास में बैठ गयी।
“तुम्हारी शादी हो गयी है क्या???” मैंने कहा
“नहीं अभी मेरी इम्र ही क्या हुई है जो मेरी शादी हो जायेगी इतनी जल्दी” पम्मी ने कहा
“देखने में तो लगता है कि तुम्हारी शादी हो चुकी होगी” मैंने मुस्कुराते हुए कहा
“आपकी शादी हो चुकी होगी! आपकी तो उम्र भी हो गयी है” उसने बड़े ही कॉन्फिडेंस के साथ कहा
मैंने उसे सब सच बताया किस वजह से मेरी शादी नहीं हुई है अभी तक। तो उसने भी हर किसी की तरह दुःख व्यक्त किया। वो मेरे से कुछ ही देर में खुल के बात करने लगी। लेकिन कुछ ही देर में उसने भी अपना सारा हाल सुना दिया। उसकी दुःख भरी कहानीं सुनकर मै भी बहुत ही ज्यादा दुखी हो गया। उसके बॉयफ्रेंड से किस प्रकार से उसका ब्रेकअप हुआ। मेरे को सब उसने बताया दिया। कोई कैसे इतनी गजब की माल को छोड़ सकता है! कुछ देर तक बात करने के बाद वो आँखों में आंसू लेकर चली गयी। उस दिन उसने सफेद रंग की सलवार और समीज पहनी हुई थी। उसके उभरे मम्मे को देखकर दबाने का मन कर रहा था। एक दिन मेरी माँ मामा के गयी हुई थी। वो कुछ देर बाद आने वाली थी। घर पर मैं अकेला ही था। पम्मी भी मेरे साथ उस दिन बैठी बाते कर रही थी। उस दिन उसने नीले रंग का शूट पहना हुआ था। उसकी टाइट शूट में उसके चुच्चे काफी बड़े बड़े नजर आ रहे थे।
“पम्मी अगर मै तुम्हारा बॉयफ्रेंड होता तो कभी नहीं छोड़ता” मैंने कहा
“क्यों??? ऐसी क्या बात है मुझमे!” पम्मी ने कहा
“तुम्हारे जैसी गर्लफ्रेंड मिलना बहुत नसीब की बात है” मैंने बड़े ही लहजे में कहा
वो बहुत ही खुश हो गयी। पहली बार मैं किसी लड़की को पटाने की भरपूर कोशिश कर रहा था। लेकिन इतने में मेरा काम हो जाएगा मैंने सोचा नहीं था।
मैंने पम्मी का हाथ पकड़ लिया।
“पम्मी आज तुम बहुत ही हॉट लग रही हो” मैंने कहा
“वो तो मैं बचपन से ही हूँ” उसने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा
“पम्मी इतनी अच्छी बॉडी और सबकुछ पाकर तुम्हारा इसका मजा लेने का मन नहीं करता??” मैंने कहा
“तुम सेक्स के बारे में बात तो नही कर रहे” पम्मी बोली
“हां पम्मी मै उसी की बात कर रहा हूँ” मैंने कहा
वो बहुत ही नशीली आँखों से मेरे तरफ देखी और कहने लगी।
“सेक्स के लिए दो लोग चाहिए और मै सिंगल हूँ” पम्मी ने कहा
मै अपना जुगाड़ लगाते हुए पम्मी को चोदने की बात करने लगा। पम्मी ने मुस्कुरा दिया। मेरे को रास्ता क्लियर दिखने लगा। शाम को वो खाना बनाकर मेरे लिए भी लायी हुई थी। चूंकि मेरी माँ तो थी नहीं तो खाना उसी ने बना लिया था। उसके बाद हमने खाना खाया और बात करने लगे। उसके बाद से मेरा मन अचानक से बदल गया। मै उसकी तरफ आकर्षित होने लगा। मेरा होंठ उसके गले पर पहुच गया। मैं उसके गले को किस करने लगा। पम्मी ने कोई विरोध नहीं व्यक्त किया। मेरे को सारा रास्ता साफ़ नज़र आने लगा। पम्मी भी काफी दिनों की तड़पी हुई लग रही थी। मैंने उसको अपने से चिपका कर किस करने लगा। लाल लाल लिपिस्टिक को चूस चूस कर छुड़ा रहा था। सारी लिपस्टिक छूटते ही उसकी गुलाबी होंठ और भी ज्यादा जबरदस्त लगने लगी।
“चूसो और चूसो!! मेरे होंठो को काट काट कर सारा रस पी लो” पम्मी कह रही थी।
मैं उसको दोनों होठों को बारी बारी पीने लगा। वह भी मेरा साथ देने लगी। पम्मी भी कुछ कम ना थी वह भी मेरे होठों को पीने लगी। हम दोनों एक दूसरे की होठ को चूस कर मजा लेने लगे। पम्मी किस करने में एक्सपीरियंसड लग रही थी। जिस तरह से मेरे होंठों को चूस रही थी। उससे साफ साफ जाहिर होता था की वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ कई बार ऐसा कर चुकी थी। मैंने उसके गले पर किस करके उसे गर्म कर दिया। उसकी समीज को ऊपर उठा कर निकाल दिया। समीज के अंदर उसने नीले रंग की ब्रा पहनी हुई थी। नीले रंग की ब्रा में उसका बदन और भी ज्यादा जबरदस्त दिख रहा था। उसके बड़े-बड़े चूचे ब्रा के बाहर निकलने को तैयार थे। मैंने ब्रा की हुक खोल कर चूचो को आजाद कर दिया। दोनों चूचे को मसलते ही वो “……अई…अई….अ ई……अई….इसस्स्स्स्…….उहह् ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारियां भरने लगी।
उसकी आवाज को सुनकर मेरा लंड खड़ा होने लगा मैंने उसके दोनों चूचो को दबा कर पीना शुरू किया। उसके बूब्स पर ब्राउन रंग का निप्पल बहुत ही रोमांचक लग रहा था। कुछ देर तक मैंने उसके दूध को निचोड़ कर पिया। पम्मी चुदने को तड़पने लगी वह बिस्तर पर इधर-उधर करवटें बदलने लगी। मैंने अपना पैंट खोला और अपना लंड बचपन की तरह हिलाने लगा धीरे धीरे मेरा लंड बड़ा और मोटा होता गया। पम्मी यह सब नजारा देख रही थी। उससे रहा नही गया। उसने मेरे लंड को पकड कर हिलाना शुरू कर दिया। उसके हाथ के स्पर्श से ही मेरा लंड ऊपर ऊपर नीचे होने लगा।
मेरा लंड कठोर हो गया। उसने मेरे लंड को अपनी जीभ लगा कर चाटना शुरू कर दिया। कुछ देखा तो कुछ नहीं मेरे लंड को वैसे ही चाट कर मजा लिया। मैंने भी उसकी सलवार का नाड़ा खोला और नीचे सरका कर निकाल दिया। वो अब सिर्फ नीले रंग की पैंटी में मेरे सामने बैठी हुई थी। मैंने उसकी पैंटी को निकालकर उसे बिस्तर पर लिटा दिया। पम्मी की टांगों को खोलते ही उसकी चिकनी चूत का दर्शन हो गया। उसकी चूत बड़ी ही रसीली लग रही थी। मेरे दोस्त ने बताया था लड़कियों की चूत चाटने पर कुछ ज्यादा ही गर्म हो जाती है और चुदने को तड़पने लगती हैं। मेरे को उसकी बात याद आ गई और मैंने अपना मुंह उसकी चूत पर लगा दिया। उसकी चूत पर जीभ लगाते ही वह चोदने को बेकरार होने लगी।
वह बार-बार मेरा सर अपनी चूत में धकेलने लगी। मैंने उसकी चूत चाट चाट कर उसकी सिसकारियां निकलवा दी। वो जोर जोर से“..अहहह्ह्ह्ह ह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की सिसकारियां भर रही थी। पम्मी की चूत माल बहने लगा। मैंने सारा माल चाट कर उसकी चूत से अपना लंड सटा दिया।उसकी चूत पर अपना लंड को ऊपर नीचे करके रगड़ने लगा पम्मी ने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद से सटा दिया।
“फाड़ दो!! सी सी सी सी….आज फाड़ दो मेरी गर्म चूत को…ऊँ…..ऊँ…..ऊँ….” पम्मी कह कर तड़प रही थी
“तेरी माँ की चूत साली!! आज तेरा भोसड़ा फाड़ दूंगा!!” मैंने कहा
वो मेरा लंड अपनी चूत में डालने लगी। मैंने भी धक्का मार दिया मेरा आधे से अधिक लंड उसकी चूत में घुस गया। मेरे मोटे लंड के घुसते ही सायरा के मुंह से “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की चीखें निकलने लगी। पम्मी की चूत में मेरा पूरा लंड हो चुका था। मैंने उसकी धीरे-धीरे चुदाई भी करनी शुरू कर दी। पम्मी चीखती रही और मै अपना लंड पेल पेल कर उसकी चुदाई करता रहा। पम्मी की चूत को फाड़कर उसे सम्भोग का पूरा मजा दे रहा था। पम्मी की चूत मेरे गरमा गरम लंड को खा रही थी। वो भी बड़े मजे ले लेकर चुदवा रही थी। मैं अपना लंड कमर उठा उठा कर डाल रहा था। मैंने पम्मी के पेट पर लेटकर सायरा को चोदना शुरू किया।
उसके मम्मो को पीते हुए मैं उसकी चुदाई कर रहा था। वो भी अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी। पम्मी की चूत में मेरा लंड जल्दी जल्दी अंदर बाहर होने लगा। पम्मी की जोर से चुदाई करते ही वह “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकालने लगती थी। मैंने सायरा को कुछ देर तक इसी पोजीशन में चोदा। उसके बाद मैंने पम्मी को उठाकर उसे कुतिया बनने को कहा। सायरा को मैं डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता था। मेरे कहते ही पम्मी कुतिया की तरह झुक कर बैठ गई। मैंने अपना लंड हिलाते हुए उसकी चूत पर रगड़कर छेद में डाल दिया। उसने भी अपनी गांड मटका मटका कर चुदवाना शुरू किया। मैंने उसकी कमर को पकड़ कर जोर जोर से अपना लंड पेलना शुरू किया। मेरे को उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था।
“….उंह हूँ…. हूँ…मेरे चूत के राजा!! और गहराई से चोदो मेरी रसीली चूत को!! हूँ…हमम अहह्ह्ह…अई….अई…..” की आवाज के साथ पम्मी मेरी उत्तेजना को बढ़ा रही थी। उस के सहयोग से मेरे चोदने की क्षमता बढ़ती जा रही थी। मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी।। मेरे लंड की रगड़ को पम्मी की चूत ज्यादा देर तक सहन नहीं कर सकी। सायरा ने अपना माल निकाल दिया मेरा पूरा लंड गीला हो गया था। गीले लंड से भी मैंने पम्मी की लगभग 10 मिनट तक चुदाई की और आखिरकार मैं भी उसकी चूत में झड़ गया। मेरी चूत में स्खलित होते ही पम्मी मुंह के बल चित्त ही लेट गई।